10,000 साल बाद इंसान कैसे नज़र आएंगे? 10 लाख साल बाद क्या होगा? क्या हम इस शख्स जैसे नज़र आएंगे? अम्म, शायद नहीं। लेकिन हम आज जैसे दिखते हैं, उससे अलग ज़रूर दिखेंगे।
हमारे शरीर के कौन से हिस्से विकसित होंगे? हमारे शरीर विकसित होने में कितना समय लेगे? कोन जीतेगा सबसे ताकतवर के जिंदा रहने की दौड़?
आप देख रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर हमारा शरीर विकसित होता रहे?
इसांन जो आज हैं, वो बनने में हमें लगभग 60 लाख सालों का वक़्त लगा था। और आधुनिक इंसान केवल 12,000 साल पहले ही आए हैं। और इतने कम वक़्त में भी, इंसान थोड़े विकसित हुए हैं।
हम लगभग 10 सेंटीमीटर (4 इंच) लंबे हुए हैं, और अब हम बचपन के बाद भी दूध से बनी चीज़ें खा सकते हैं। तो अगर 12,000 सालों में ये चीज़ें हो सकती हैं, तो हम आने वाले लाखों सालों में कहां पहुंच जाएंगे?
सबसे पहले, हमें शायाद ये समझना होगा कि आखिर इवोल्यूशन यानी विकास है क्या। इवोल्यूशन का मतलब है, जेनेटिक बनावट में आने वाले वो बदलाव जो एक प्रजाति के अंदर वक़्त के साथ-साथ आते हैं।
ज़्यादा फायदेमंद लक्षणों वाली प्रजातियों के वंशज ज़्यादा होते हैं। यानी ये लक्षण आने वाली नसलों में भी दिखेंगे।
जैसे कि लंबी गर्दन वाले जिराफ जो खाने तक आसानी से पहुंच बना सकते हैं, वो छोटी गर्दन वाले जिराफ से ज़्यादा आसानी से ज़िंदा रह सकेंगे।
और इनके बच्चे भी ज़्यादा होंगे, जिनकी गर्दनें अपने माता पिता की तरह लंबी होंगी। और जैसे-जैसे वक़्त आगे बढ़ेगा, छोटी गर्दन वाले जिराफ ख़त्म हो जाएंगे और लंबी गर्दन वाले जिराफ बचे रहेंगे।और इसीलिए आज सारे जिराफ लंबी गर्दन वाले ही हैं।
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• तो इंसानों पर ये कैसे लागू होता है?
इस लिहाज़ से, विकास के बारे में पहले से कुछ कहा जाना मुश्किल है। जिस दुनिया में हम रहते हैं, हमें ज़िंदा रहने के लिए सबसे ताकतवर होने की चिंता नहीं करनी पड़ती।
तकनीक ने काफी हद तक ये सब हटा दिया है। अब आपको सबसे तेज या सबसे ताकतवर होने की फिक्र नहीं करनी होती।
ये 100,000 साल पहले की बात नहीं है, जब आपको खाने के लिए लड़ना पड़ता था। रहने के लिए घर, और नलों में साफ पानी जैसी चीज़ों ने जीवन को काफी आसान बना दिया है।
आप कभी नहीं सोचते होंगे कि मैं आज के दिन कैसे ज़िंदा रहूंगा लेकिन ये कुछ ऐसा है जिसकी फिक्र हमारे पूर्वजों को लगातार करनी पड़ती थी। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आज से 10 लाख साल बाद, इंसान ज़्यादा ताकतवर, ज़्यादा तेज़ और पहले से बड़े होंगे।
आखिरकार, आजकल बच्चों को जन्म देना संस्कृति और निजी इच्छा पर निर्भर है, ना कि हमारी प्रजाति को आगे बढ़ाने की ज़रूरत पर। हमारा भविष्य उन लोगों पर निर्भर है जो लोग बच्चों को जन्म देंगे और इसपर कि वो कितने बच्चों को जन्म देंगे।
अगर जो लोग स्वाभाविक रूप से ज़्यादा वज़नदार हैं और जिनमें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते हैं, वो ही आने वाले 10 लाख सालों में बच्चों को जन्म देते हैं, तो इंसानी सभ्यता भी ऐसी ही हो जाएगी।
लेकिन हमें शायद इन प्राकृतिक चीज़ों की चिंता करनी ही ना पड़े। बल्कि, हम ये सब होने के पहले ही पूरी तरह से तकनीक से हाथ मिला चुके होंगे।
साइबरनेटिक हाथ, ब्रेन चिप, और लेज़र वाली आंखें, ये सब मुमकिन हो सकता है। ना केवल ये, बल्कि हम बच्चे के पैदा होने के पहले ही उसके जीन्स में बदलाव भी कर सकेंगे, जिससे विकास की बात ही ख़त्म हो जाएगी।
इससे हम कई बीमारियों से, और हमें नुकसान देने वाले कई जेनेटिक लक्षणों से निजात पा सकेंगे। लेकिन अगर हमारे पास ये आराम ना हो, और हमें पुरानो तरीकों से ही विकसित होना हो, तो कुछ चीज़ों का होना संभावित है हमें बस ये देखने की ज़रूरत होगी कि कैसे आधुनिक इंसान पिछले 12,000 सालों में विकसित हुए हैं।
हम जानते हैं कि हम लंबे हुए हैं, जिसकी संभावित वजह होगी पोषण, और हमारे दिमाग छोटे हुए हैं। लेकिन चिंता ना करें, हम कम अक्ल नहीं हो रहे, हमारे दिमाग और ज़्यादा कुशल हो गए हैं।
तो दस लाख सालों में हम बेहद लंबे और बेहद छोटे दिमाग वाले जीव बन सकते हैं। क्या इससे आपको कुछ याद आ रहा है? आखिरकार, इंसानी विकास को लेकर भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है।
ऐसा इसलिए कि विकास हमारे वातावरण पर निर्भर करता है, और कौन जानता है कि आने वाले दस लाख सालों में पृथ्वी का क्या होने वाला है?
हमें आग से बचे रहने के लिए विकसित होने की ज़रूरत होगी, क्योंकि हमारे ग्रह पर गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। आशा करता हूं, मैं ये दिन देखने तक ना बचूं।
या, अगले 10 लाख सालों में, हम शायद मंगल जैसे दूसरे ग्रहों पर रहने लगें। इंसान तब विकसित होने के बाद पूरी तरह से अलग नज़र आने लगेंगे, क्योंकि वहां के हालात पृथ्वी के हालात से बिल्कुल अलग होंगे।
सोच रहे हैं इस लाल ग्रह पर रहने का अनुभव कैसा होगा? इस पर चर्चा करेंगे ‘‘क्या हो अगर’’ के किसी और लेख में बात करेंगे।
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