क्या हो अगर गूगल एक हफ़्ते के लिए बंद पड़ जाएं । What If Google Went Offline For A Week ?

चाहे एप्पल हो माइक्रोसॉफ्ट या याहू..

केवल एक ही टेक कंपनी है जो सर्च इंजन के मामले में सबसे आगे रहती है। गूगल। ये इतनी मशहूर है कि इसके नाम का इस्तेमाल किसी काम की तरह होता है। 

मुझे लगा था खुद को गूगल करने का मतलब कुछ और ही है। नहीं, वाकई, चलिए आपके लिए ये बात गूगल कर देता हूं। जहां गूगल के साथ दूसरी कई सेवाएं जुड़ी हैं। क्या होगा अगर ये बंद पड़ जाए? 

ऐसा क्या है जिससे गूगल बंद पड़ सकता है ? हमारी जिंदगियों पर इसका क्या असर होगा ? इसकी जगह कोन सी चीजें काम आ सकती हैं ?

आप देख रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर गूगल एक हफ़्ते के लिए बंद पड़ जाएं?

Image credit :- Slate.com

पिछली बार जब थोड़े वक़्त के लिए गूगल बंद पड़ा था टिटर पर ‘‘रुगूगलडाउन’’ का हैशटैग पूरी तरह से छाया हुआ था। गूगल पर निर्भर कई थर्ड पार्टी एप्स और सेवाएं यानी सर्विसेस काम नहीं कर पा रही थीं। पर फ़िक्र ना करें। 

आपके सभी पोकेमॉन्स सुरक्षित हैं। हमारे जैसे blogger थोड़े वक़्त के लिए घबरा गए थे क्योंकि हम अपने आकाउंट्स खोल नहीं पा रहे थे। 

हालांकि शुक्र है, गूगल के बेहतरीन इंजीनियर्स का कि ये समस्या एक घंटे में ही दूर हो गई थी पर इससे हमें ये पता लगा कि गूगल हमारी ज़िंदगी में कितनी ज़्यादा अहमियत रखता है।

तो अगर गूगल पूरे एक हफ्ते के लिए बंद हो जाता है इसका हमारी ज़िंदगी पर क्या असर होगा? (Google Went Offline For A Week ?)

अगर गूगल बंद हो जाता है या हैक हो जाता है तो काफ़ी संभावना है कि ये काफ़ी तेज़ी से वापसी करेगा उनके पास इनाम के लिए बग ढ़ूंढ़ने वालों की एक पूरी टीम है ये टीम बग्स और ख़ामियों को ढ़ूंढ़ती है और इनकी सूचना कंपनी को देती है। 

इनमें से ज़्यादातर बग ढ़ूंढ़ने वाले ख़ुद पहले हैकर रह चुके होते हैं और इन्हें इस काम के काफ़ी अच्छे पैसे मिलते हैं। 2010 से गूगल ने अपनी सर्विसेस में ख़ामिया ढ़ूंढ़ने पर 2 करोड़ 10 लाख डॉलर का खर्च किया है। 

बाप रे! ये फॉर्म कहां से भर सकते हैं? केवल मनोरंजन के लिए, मान लेते हैं कि किसी हालात में एक होनहार हैकर इस टीम को चकमा दे पाता है और एक बड़ा सर्वर क्रैश हो जाता है। 

इसके तुरंत नतीजे क्या होंगे? सबसे पहले तो, ये चैनल और यूट्यूब के बाक़ी सारे चैनल बंद पड़ जाएंगे जिससे वीडियो या कंटेंट देखने वाले और बनाने वाले दोनों ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, या मोज पर कंटेंट देखने और बनाने लगेंगे। 

ऐसे कई यूट्यूबर्स जिनकी आमदनी गूगल के एडर्टाइज़िंग पेमेंट से होती है उन्हें टिच या वीमियो जैसे दूसरे तरीक़ों की तलाश करनी होगी। यूट्यूब के बंद होने से नेटफ्लिक्स, हूलू या एमेज़ॉन प्राइम जैसी दूसरी स्ट्रीमिंग सर्विसेस की बिक्री में बढ़त देखी जाने की संभावना है।

लेकिन ये तो समस्या का केवल एक छोटा-सा हिस्सा है। क्योंकि गूगल के सर्वर से कई सारी सर्विसेस जुड़ी हुई हैं ऐसे में कई व्यापारों और स्कूलों को दिक्कत का सामना करना होगा।

गूगल के साथ उनके व्यापार में कई कंपनियां जुड़ी हैं जैसे गूगल डॉक्स शीट्स फोटोज़ और गूगल ड्राइव ये तो उन कई संस्थानों और व्यापारों में से केवल एक है जो अपनी सारी जानकारी के रख रखाव के लिए गूगल पर निर्भर हैं। 

हालांकि गूगल की लोकप्रिय सर्विसेस के कई दूसरे विकल्प हैं पर इस एक क्रैश से इतना ट्रैफिक होगा कि ऐसे कई क्रैश होने की संभावना बढ़ जाएगी। 

याहू! जैसी कुछ छोटी कंपनियों के सर्वर्स अरबों यूज़र्स की जानकारी को संभाल नहीं पाएंगे और तेज़ी से गड़बड़ाने या बंद पड़ने लग जाएंगे। 

गूगल की सर्विसेस पर निर्भर कई छोटे व्यापार इसके केवल एक हफ्ते ना चलने पर भी पूरी तरह से बंद पड़ सकते हैं वहीं दूसरी तरफ, क्योंकि ये बंदी पूरी दुनिया में देखी जाएगी शायद सरकार या इसके साझेदारों की तरफ से इसके ठीक होने तक कोई मुहलत मिल जाए। काश ऐसा हो जाए। 

जो भी हो, ऐसा होने से बड़े आर्थिक घाटे होंगे और काम पर असर पड़ेगा। अगर आपका स्कूल या यूनिवर्सिटी बाहरी कामों के लिए गूगल पर निर्भर हैं तो शायद आपको पूरे एक हफ्ते की छुट्टी मिल जाए। देखा? 

कुछ ना कुछ हमेशा अच्छा होता है। और अगर आप गूगल इस्तेमाल करने वाले स्मार्ट घर में रहते हैं तो बस ये सोचिए कि ये आपके साथ ना हो। 

अपने हाथ में कंट्रोल लेने का कोई तो बटन होगा! और अगर आप मेरी तरह हैं और पार्टी या दोस्तों के बीच ज़्यादा समझदार दिखने के लिए चुप-चाप चीज़ों को गूगल करते रहने का शौक रखते हैं तो भी फ़िक्र ना करें इसके जैसी दूसरी चीज़ें हैं। 

लेकिन आपको दूसरे सर्च इंजन्स में शायद ऐसे साधन या गुणवत्ता नहीं मिलेगी। इसके पीछे की एक वजह ये भी होगी कि गूगल हमारी सर्च को सेव करता है और एल्गोरिथ्म की मदद से हमें हमारी लोकेशन और पहले की सर्च यानी हिस्ट्री के हिसाब से चीज़ें दिखाता है। 

हमें ये याद रखना होगा कि गूगल का मुख्य काम या मूलभूत स्तर पर ये जो करते हैं, वो काम विज्ञापन यानी एडर्टाइज़िंग का है। ये एक एडर्टाइज़िंग साइट है जो सर्च के बीच में या यूट्यूब के वीडियोज़ के पहले और बाद में एड दिखाती है। 

जानता हूँ काफ़ी परेशानी होती है। पर इससे ही हममें से कई लोगों की रोज़ी रोटी चल रही है। ऐसी कंपनियां जो गूगल के ज़रिए विज्ञापन करती हैं, उनकी कमाई का तुरंत नुक़सान होगा।

गूगल एड्स की विज्ञापन सेवा के बगैर, कुछ कंपनियां ये नहीं जान पाएंगी कि एड सेल्स में वो कहां आती हैं। और गूगल के बंद हो जाने से, इसके ज़रिए विज्ञापन करने वालों का निवेश भी कम हो जाएगा। विज्ञापन अब यूज़र की पसंद या उनकी जानकारी के साथ नहीं हो सकेंगे। 

कुल मिला कर, गूगल और इसकी सर्विसेस पर भरोसा कम हो जाएगा। गूगल को लोगों का भरोसा वापस जीत पाने में काफ़ी सारा समय पैसा और मेहनत लगानी होगी। 

चाहे ये बंदी केवल सात दिन की ही क्यों ना हो इससे लोगों में ये डर बैठ जाएगा कि किसी चेतावनी के बग़ैर ऐसा दोबारा भी हो सकता है। ऐसा नहीं है कि ये होने का सवाल ही ना उठता हो पर ऐसा होना बहुत मुश्किल है। 

गूगल के पास सबसे बेहतरीन और होशियार लोग हैं। इनके लिए किसी भी समस्या का हल ढ़ूंढ़ना इतना मुश्किल नहीं होगा। लेकिन गूगल के सर्च इंजन पर हमारा भरोसा कुछ ज़्यादा ही है। गूगल अजेय नहीं है। 

गूगल के ना होने के इस हफ्ते में दूसरी कोई कंपनी या स्टार्ट-अप अगला बड़ा सर्च इंजन बना सकती है जो शायद दुनिया के होश उड़ा दे और गूगल की जगह ले ले। 

क्या हो अगर ‘‘क्या हो अगर’’ ही अगला गूगल बन जाए? मेरा मतलब है, हमारे पास काफ़ी सारी तरह-तरह की दिलचस्प जानकारियां हैं। मुझे अपने सपनों के घर की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। 

अरे हां, काफ़ी आगे निकल गया मैं। पर शायद हमें इस बात पर दोबारा विचार करना चाहिए कि हमारी दुनिया ने इस एक कंपनी को अपनी कितनी सारी जानकारी और भरोसा दिया है। कई लोगों ने निजता की चिंता में गूगल का इस्तेमाल बंद कर दिया है। 

शायद गूगल को यूज़र्स की जानकारी लेने और उस जानकारी के इस्तेमाल को लेकर उनके साथ सही और जायज़ करार करने चाहिए। 

और ये सब देखते हुए हमेशा अपनी जानकारी का बैक-अप तैयार रखें और कोशिश करें कि आपकी सारी जानकारी एक ही जगह पर ना रखी हो। 

वहीं इसके उलट, अगर गूगल और दूसरी कॉर्पोरेट कंपनियां विकसित होती रहती हैं तो ये एक नई तरह की टेक्नोक्रैटिक सरकार बना सकती हैं और एक दिन आपका शहर चला सकती हैं। 

इस पर और जानकारी के लिए आप चाहें तो गूगल कर सकते हैं या फिर हमारे यानी ‘‘क्या हो अगर’’ के साथ बने रह सकते हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

please do not enter any spam link in the comment box

और नया पुराने