समयसीमा। काम का दबाव। घबराहट। ये सारी परेशानी हमारे बर्दाश्त से बाहर हो जाती है। कैसे जागेंगे आप पूरी रात? कॉफ़ी काम नहीं कर रही और आप परेशान हैं।
फिर आपने रेड बुल पी, ये काम कर रही है थोड़ा अजीब लग रहा है पर ऐसा लग रहा है जैसे आपको पंख मिल गए हों।
पर रेड बुल क्या है? क्या इसकी ज्यादा मात्रा आपको नुक़सान पहुंचा सकती हैं? और आपके शरीर पर इसे पीने का क्या असर होता हैं?
आप पढ़ रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर आप एक महीने में 1,000 रेड बुल्स पी लें?
अमेरिका के कुछ हिस्सों में, कुछ जन आंदोलन अधिकारियों पर इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि वो नाबालिगों को एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर रोक लगाएं क्योंकि उन्हें इसके लगातार सेवन से स्वास्थ्य संबंधी ख़तरे हो सकते हैं।
रेड बुल निशाने पर आने वाले कई ब्रैंण्ड्स में से एक है। इसे सबसे पहले थाइलैंड में ऊर्जा बढ़ाने की एक ड्रिंक के तौर पर बनाया गया था और ये 1970 के दशक से बिक रही है ।
हालांकि ये लोकप्रिय तब हुई जब ये 1984 में एक ऑस्ट्रियन मार्केटर की नज़र में आई। तीन साल बाद ‘‘रेड बुल गिव्स यू विंग्स’’ यानी रेड बुल से आपको पंख मिल जाते हैं का स्लोगन पहली बार सबके सामने आया। और तब से, इसके 82 अरब कैंन पिए गए हैं जिनमें से 7.5 अरब केवल 2019 में पिए गए।
एक आम रेड बुल के कैन में कैफ़ीन, सुक्रोज़, ग्लूकोज़, सिट्रिक एसिड, टॉरीन, विटामिन बी12, कार्बोनेटेड वॉटर सोडियम बाइकार्बोनेट, कैल्सियम पैंटोथेनेट, और नकली और प्राकतिक रंग, होते हैं और साथ ही फ्लेवर।
सुनने में तो स्वास्थ्यवर्धक लगता है, है ना? ये शायद इस पर निर्भर होगा कि आपके लिए स्वास्थ्यवर्धक के क्या मायने हैं पर क्या बहुत ज़्यादा रेड बुल आपको तक़लीफ़ पहुंचा सकती है?
एक 250 मिलीलीटर की रेड बुल में 80 मिलीग्राम कैफ़ीन और 27 ग्राम की भारी मात्रा में शुगर यानी चीनी होती है।
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अगर आप एक कैन पीते हैं, तो इतना बुरा असर नहीं होगा पर एक के बाद एक पीते जाने से आप बहुत बेचैन हालत में पहुंच जाएंगे। और ये बात गौर करने वाली है कि एनर्जी ड्रिंक्स पीने से जुड़े मामलों में 34 मौतें हो चुकी हैं।
कैफ़ीन और शुगर के अलावा, बी विटामिन्स और टॉरीन की भारी मात्रा भी दिक्कतों की वजह बन सकती है। बी विटामिन्स आपके लिए अच्छे होते हैं और तनाव कम कर सकते हैं पर इन्हें ज़्यादा मात्रा में लेना ख़तरनाक हो सकता है।
बी3 और बी6 से पेट संबंधी दिक्कतें, लिवर रोग, देखने में धुंधलापन, और नसों का नुकसान हो सकता है। इसी तरह, टॉरीन एक अमीनो एसिड है जिससे न्यूरोलॉजिकल यानी तांत्रिकीय विकास होता है और ख़ून में पानी और खनिज का स्तर संतुलित रहता है पर आपको इसकी भी अधिकता नहीं करनी चाहिए।
जीवों की शोध में, पाया गया कि टॉरीन की बढ़ी हुई मात्रा से वज़न कम होता है और शरीर में पानी की कमी होती है।
• तो क्या हो अगर आप एक महीने में 1,000 रेड बुल्स पी लें :-
आंकड़े डरा देने वाले हैं। 31 दिन में 1000 रेड बुल्स पीने का मतलब होगा हर दिन 32 कैन पीना। यानी अगर आप सोने के लिए, दिन के 8 घंटे हटा दें तो हर घंटे 2 कैन। क्योंकि हमारे पास खोने के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं है शुरू करते हैं।
केवल 10 मिनट बाद, रेड बुल का कैफ़ीन आपकी रगों में घुस जाएगा। आपकी हृदय गति और रक्तचाप अब बढ़ने लगेंगे।
15 से 45 मिनट बाद, आपका ध्यान बेहतर होने लगेगा या आपको और ज़्यादा जोशीलापन महसूस होगा ये इस पर निर्भर करता है कि आपने अपना कैन कितनी जल्दी ख़त्म किया।
कैफ़ीन को पूरी तरह से शरीर में सोखे जाने में 30 से 50 मिनट लगते हैं। आंखें बड़ी होने लगेंगी, रक्तचाप और ज़्यादा बढ़ जाएगा और शरीर में इन्सुलिन की भारी मात्रा बनने लगेगी।
क्योंकि कैफ़ीन से सोने की प्रक्रिया के लिए एक ज़रूरी रसायन एडिनोसिन का असर रुकने लगेगा, आपका शरीर पूरी तरह से आपातकाल एड्रिनलिन प्रतिक्रिया देने लगेगा। लिवर ख़ून में ज़्यादा शुगर पहुंचाने लगेगा और ये फैट में बदलने लगेगी।
एक घंटे के बाद, आपकी शुगर तेज़ी से कम होती महसूस होगी, और कैफ़ीन का असर ख़त्म होने लगेगा। मुबारक़ हो, आप एक घंटे तक ज़िंदा रहे और अब दिन के केवल 30 कैन बचे हैं।
फ़िक्र की बात नहीं है, आप शायद पूरे 31 दिन तक वैसे भी नहीं बचेंगे पर आपको दो ही हफ्तों में कैफ़ीन का ओवरडोज़ महसूस होने की संभावना है।
ऐसे समझिए, आप जागते हुए हर घंटे में 160मिलीग्राम कैफ़ीन ले रहे होंगे । यानी 16 घंटों में 2,560 मिलीग्राम कैफ़ीन। कैफ़ीन का नकारात्मक असर 300 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम के बाद शुरू हो जाएगा।
इसके ओवरडोज़ के लिए, आपको 10 ग्राम के स्तर तक पहुंचना होगा। क्योंकि 250 मिलीलीटर के कैन में 80 मिलीग्राम कैफ़ीन होता है रेड बुल के 125 कैन के साथ, पूरी तरह से इसका ओवरडोज़ होने लगेगा।
आपने जो हिसाब लगाया था, वो 8 घंटे की नींद भी भूल जाएं। आपके शरीर में इतनी सारी शुगर और कैफ़ीन होने के साथ नींद ना आने की दिक्कत कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। और फिर इस तरह की चीज़ आज़माने के कुछ और भी नुक़सान हैं।
बढ़ा हुआ रक्तचाप, टाइप 2 डायबिटीज़ का ख़तरा दिल की बीमारियां, और गुर्दे की दिक्कतें और ये कहने की ज़रूरत ही नहीं है कि आपके दांतों की ऊपरी परत हटने के बाद वो कितने बुरे दिखने लगेंगे।
तो ये कहना ग़लत नहीं होगा कि किसी को भी इतने सारे रेड बुल्स नहीं पीने चाहिए। हमारा शरीर लगातार इस उत्साहित स्थिति में रहने के लिए नहीं बना है।
रेड बुल का केवल एक कैन पीना भी आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है। पर हम ये भी नहीं कहेंगे कि आप कैफ़ीन लेना पूरी तरह से बंद कर दें।
क्या आप सोच सकते हैं एक ऐसी दुनिया के बारे में जहां हर कोई कॉफ़ी पीना बंद कर दे? जानने के लिए पढ़ते रहें ‘‘क्या हो अगर’’ .
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