क्या हो अगर इंटरनेट काम करना बंद कर दे? What if the internet stops working?

 क्या हो अगर एक दिन आप उठें और देखें कि इंटरनेट अचानक बंद हो गया है? 

• क्या आप नई पोस्टिंग्स के लिए सुबह सबसे पहले फेसबुक बिना चेक किए रह पाएंगे?

• एक अनजाने शहर में गूगल मैप्स से अपना रास्ता ढूंढे बिना? 

• एक क्रेडिट कार्ड के साथ, जो आपके लंच के पैसे ना दे पाए? 

अगर आप ये लेख पढ़ रहे हैं, इसका मतलब है कि इंटरनेट अभी भी चल रहा है। 

पर क्या हो अगर कोई इंसान, या कोई चीज़, इसे बंद कर दे? आप पढ़ रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर इंटरनेट काम करना बंद कर दे? 


आप कह सकते हैं कि इस तरह का डिजिटल डिटॉक्स फायदेमंद होगा। हम अपनी आँखें स्क्रीन से हटाकर असल ज़िंदगी में एक दूसरे से बात-चीत करगें। हम ये पायेंगे कि हमारे स्मार्टफोन से असल में फोन कॉल्स भी हो सकती हैं। 

हम फैक्स मशीनों को वापस ले आयेंगे, और हाथों से लिखना शुरू कर देंगे। और हाँ, हमारे मनोरजंन के लिए अभी भी हमारे पास टीवी होगा। 

यह विश्व अलग-थलग नहीं होगा। असल में, दुिनयाभर में लगभग 4 बिलियन लोगों तक इंटरनेट की पहुँच ना होने से, आधी मानवता को इस बात का पता भी नहीं चलेगा। पर आपके जैसे, इंटरनेट के प्रबल उपभोगी को नहीं। आपको ये तुरतं पता चल जायेगा। 

अगर इंटरनेट अचानक खराब हो जाए, तो सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले लोग एक दूसरे को फोन करना शुरू कर देंगे, जिससे दूरसंचार प्रणाली पर बहुत भार पड़ जायेगा। 

बशर्ते मोबाइल फोन के टावर्स और टेलीफोन की लाइनें भी बंद ना हो जाएँ। तब आप वापस चट्ठी लिखने और उन्हें डाक से भेजने पर पहुँच जायेंगे। 

वायरलैस फाइल ट्रांसफर को भूल जायें बिना वाई-फाई के आपको दो कम्प्यूटर्स को जोड़ने के लिए एक वास्तविक तार की मदद लेनी होगी।  

अब अर्थव्यवस्था के बारे में सोचें। वित्तीय आंकड़े ज़्यादातर सवर्र पर इकट्ठे किये जाने की वजह से, बैंकिंग सेवाएँ इंटरनेट पर बहुत ज़्यादा निभर्र करती हैं।

ई-ट्रांसफर्स नामुमिकन हो जायेंगे। आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड प्लासटिक की एक बेकार वस्तु बन जायेंगे। और उन सारे बिटकॉइन्स का क्या जिनको पाने के लिए आपने इतनी मेहनत की थी? 


आपको इसका जवाब पता है... इससे भी ज़्यादा, गूगल, फेसबुक और अमेज़ोन जैसी बड़ी कंपनियाँ व्यापार से बाहर हो जाएँगी। और लगभग 440 बिलियन डॉलर की अपनी संयुक्त आमदनी को खो देंगी। 

अकेले गूगल में 80,000 पूर्णकालिक कर्मचारी होने के साथ, कई लाख लोग बेरोज़गार हो जायेंगे। यहाँ तक कि कंपनियाँ जो विज्ञापनों के लिए, सिर्फ इंटरनेट के माध्यम पर निर्भर हैं। इससे प्रभावित होंगी। विकसित देश सारे उद्योग खो देंगे और उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना होगा। 

उन देशों का क्या जहाँ इंटरनेट की बहुत कम उपस्थिति है?:- 

वे भी प्रभावित होंगी, क्यूंकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार इंटरनेट पर निर्भर है। और विश्व का परिवहन भी। एयरपोटर्स, प्लेन्स, जहाज़ों, और कोमर्शियल ट्रकिंग के बीच इंटरनेट की पहुँच ना होने से, हमें ट्रैकिंग फिर से कागज़ पर करनी होगी। 

ये ढोये जाने वाले सामानों का बाज़ारी मूल्य बढ़ा देगा, क्यूंकि दुकानों पर सामान पहुँचाना ज़्यादा मुश्किल होगा। कम से कम आप अभी भी सफर कर सकते हैं, हालाँकि आपके पास अपने सफर की सेल्फीज़ साँझा करने के लिए इंस्टाग्राम नहीं होगा। 

क्या इंटरनेट का बंद होना वाकई मुमिकन है? :-

एक विश्व्यापी स्तर पर तो नहीं। कुछ देशों ने असल में एक ‘‘किल स्विच’’ की शुरुआत की है, जिससे जानबूझ कर इंटरनेट और टेलीफोन संचार व्यवस्था को बंद किया जा सके। 

पर पूरे इंटरनेट को खत्म करना कुछ अंतः समूद्री तारों को काटने से ज़्यादा कठिन होगा।

इंटरनेट असल में कई और कंप्यूटर नेटवक्र्स का एक वैश्विक नेटवर्क है। ये एक मशीन पर निर्भर नहीं करता। अगर उसका एक भाग ऑफलाइन चला जाता है, तब भी दूसरे भाग क्रियाशील रहेगें। 

तो चिंता ना करें आप अभी भी आज रात को खाने के लिए पिज़्ज़ा आर्डर कर सकते हैं। 🤗

और लेख के लिए पढ़ते रहें “क्या हो अगर”


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