क्या हो अगर आप चांद को काट कर आधा कर दे। What If We Cut The Moon In Half?

 कुछ अजीब हो रहा है। दिन लंबे हो रहे हैं मौसम बिगड़ता जा रहा है और कई ज्वार (tides) उदास नज़र आ रहे हैं। हिम्मत मत हारो दोस्तों। शायद कल लहरें देखने को मिल जाएं? हालांकि ऐसा लग सकता है कि हमारा चांद(Moon)पूरा है। क्या हो अगर आधा हिस्सा टूट कर अलग हो चुका हो? क्या हम बर्बाद होने वाले हैं? 

चांद(Moon)पर भूकंप कैसे आते है? क्या चांद (Moon) पहले ही दो हिस्सों में बट चुका है?

आप पढ़ रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर हम चांद (Moon)को काट कर आधा कर दे?

Image credit :- Sunnah way

आसमान में रहने वाले अच्छे पड़ोसियों की तरह चांद(Moon)और पृथ्वी के बीच एक सहजीवी (symbiotic) रिश्ता है। चांद (Moon) का गुरुत्वाकर्षण हमें एक तय समय-सूची पर रखता है जिससे वो ज्वार (tides)बनते हैं जो हर 24 घंटों में पृथ्वी के चक्कर लगाते हैं।

क्योंकी  चांद (Moon) पृथ्वी के साथ ज्वारों के संबंध में बंधा हुआ है हमें हमेशा चांद(Moon)का केवल एक ही हिस्सा नज़र आता है। तो अगर हम इसका अंधेरा हिस्सा यानी डार्क साइड खो देंगे तो हमें शायद तुरंत इसके बारे में पता ना लगे ।पर क्या इसका दूसरा हिस्सा दूर जाने लगेगा? 

अगर दोनों हिस्से एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण से कई लाखों या अरबों सालों में बच कर निकल जाते हैं तो चांद(Moon)के टुकड़े गुरुत्वाकर्षण की मदद से वक़्त के साथ-साथ वापस एक गोल आकार बना लेंगे। पृथ्वी के पास शायद दो छोटे चांद (Moon)हो जाएं जिससे दुनिया भर के स्टार वॉर्स फैन्स को तो काफ़ी खुशी होगी। 

Image credit :- Netflix- The umbrella Academy

अगर चांद(Moon)दो हिस्सों में कट भी जाता है तो हमें केवल एक छोटा टुकड़ा ग़ायब नज़र आएगा। अगर चांद (Moon)अपने मौजूदा आकार से आधा हो जाए तो हमें केवल आंशिक सूर्य ग्रहण नज़र आएंगे कम वज़न के साथ चांद(Moon)पृथ्वी के और ज़्यादा नज़दीक घूमने लगेगा। 

तो हालांकि ये आकार में छोटा होगा पर ये हमें बड़ा नज़र आ सकता है। और चांद(Moon)के कमज़ोर गुरुत्वाकर्षण के चलते हमारे ज्वार (tides) भी छोटे होंगे जिससे पानी के नीचे इंटरटाइडल ज़ोन यानी ज्वार(tides)और भाटे के बीच आने वाले इलाक़े में मौजूद ईकोसिस्टम पर असर पड़ेगा। tides

समुद्री कछुए (Turtles)समुद्री पक्षी और मछलियों का जीवन ख़तरे में पड़ जाएगा। ज्वारों(tides)के नियमित ना रहने से खाना कब खाना है अंडे कब देने हैं या प्रवास कब करना है ये सब जानना मुश्किल हो जाएगा। 

चांद (Moon)की मौजूदगी से पृथ्वी का घुमाव भी धीमा रहता है। इससे हमारे दिन 24 घंटे लंबे होते हैं। केवल आधा चांद(Moon)रह जाने से पृथ्वी पर खिंचाव कम होगा यानी दिन केवल 15 घंटे लंबे रह जाएंगे। 

अगर आप रात की शिफ्ट में काम करते हैं तो वेतन में कटौती के लिए तैयार रहें। चांद(Moon)के गुरुत्वाकर्षण से कम स्थिरता की वजह से पृथ्वी की धुरी का झुकाव बदल जाएगा जिससे नाटकीय रूप से मौसम बदलेंगे और तापमान ऊपर नीचे होगा। 

यही वजह है कि मंगल का मौसम इतना ख़राब रहता है। दो छोटे चांद(Moon)होने से मंगल अपनी धुरी पर डगमगाता रहता है जिससे तापमान में तेज़ बदलाव और तेज़ आंधियां आती हैं। 

तो आखिर चांद(Moon)के दो टुकड़े होंगे कैसे? :-

पृथ्वी की ही तरह, चांद(Moon)में कई सक्रिय फॉल्ट्स हैं लाखों सालों के वक़्त में चांद (Moon)एक तपते पिघले पत्थर से बदल कर उस रूप में आया है जो आज हमें दिखता है। 

Image credit :- Aposiate Prophet

ठंडा होने की वजह से यानी संकुचन की प्रक्रिया के चलते सिकुड़ गया है। ये पिछले करोड़ों सालों में लगभग 50 मीटर (150 फीट) पत्ला हो गया है। 

🤗हेलो! चांद(Moon), तुम तो आजकल काफ़ी अच्छे और फिट नज़र आ रहे हो। शुक्रिया दोस्त! ☺️

जैसे-जैसे चांद(Moon)सिकुड़ रहा है इसका फैलाव कम होता जा रहा है और सतह पर दबाव आता जा रहा है। जैसे एक अंगूर किशमिश में बदलता है। चांद (Moon)में सिकुड़न आ रही है और ये पिचक रहा है जिससे इसका क्रस्ट एक से दूसरी जगह जा रहा है और चांद(Moon)पर तेज़ भूकंप आ रहे हैं। 

इनमें से कुछ काफ़ी शक्तिशाली हैं यानी रिक्टर पैमाने पर लगभग 5 तक। अगर चांद (Moon)के टुकड़े होने जितना भूकंप चाहिए तो उस भूकंप का बेहद शक्तिशाली होना ज़रूरी है। 

पर सही जगह पर asteroid से होने वाली चोट ये काम कर सकती है। हालांकि, ये इतनी सफाई से नहीं होगा और संभावना है कि इससे चांद (Moon)कई टुकड़ों में बिखर जाएगा। 

कुछ इतिहासकारों ने ये नतीजा निकाला है कि हो सकता है चांद पहले भी टूटा हो। 

18 जून, 1178 को दक्षिणी इंग्लैंड के कई लोगों ने बताया कि उन्होंने चांद (Moon)पर सांप की तरह बढ़ती हुई आग देखी। 

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का सोचना है कि इन गांव वालों ने जो देखा वो 3 किलोमीटर का वो asteroid हो सकता है जिससे Giordano Bruno's Crater बना था। इससे भारी मात्रा में चांद (Moon)से निकलने वाला पदार्थ पृथ्वी की दिशा में आया होगा लगभग 10 लाख टन (20 अरब पाउंड) जितना। कितनी ख़तरनाक उल्का बौछार रही होगी! 

अब, हालांकि आने वाले वक़्त में चांद (Moon)के टुकड़े होने की कोई संभावना नहीं है पर ये 3.78 सेंटीमीटर (1.5 इंच) प्रति वर्ष की गति से हमसे दूर जा रहा है।  

ये शायद सुनने में ज़्यादा ना लगे क्योंकि चांद (Moon)हमें मौजूदा से छोटा नहीं नज़र आने वाला लेकिन चांद (Moon)पर कई संभावित माइनिंग योजनाओं के चलते हमारा चांद (Moon)आने वाले वक़्त में बहुत अलग नज़र आ सकता है। 

तो, मुझे लगता है कि जब तक ऐसा है हमें इसका लुत्फ़ उठाते रहना चाहिए। अगर आप को लगता है कि आधे चांद (Moon)को खो देना भयानक होगा तो क्या होगा अगर चांद हो ही ना? 

क्या हम बिना चांद की पृथ्वी पर ज़िंदा रह सकते हैं? जानने के लिए पढ़ते रहें ‘‘क्या हो अगर’’  

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