क्या हो अगर आप वोस्तोक झील में गिर पड़े। What If You Fell Into Lake vostok?

क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी को छोड़े बिना बृहस्पति के किसी चांद पर जाना कैसा होगा? या इस तरह के भयानक दबाव के नीचे आपके शरीर पर क्या असर होगा? 

अगर आप ये दोनों चीज़ें करना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा तरीक़ा है अंटार्कटिका की वोस्तोक झील में छलांग लगाना। 

पर पहले आपको दुनिया से अलग इस ईकोसिस्टम तक पहुंचने के लिए, 4 किलोमीटर (2.5 मील) मोटी बर्फ़ की चादर को खोदना होगा (is lake Vostok Frozen?)। 

और इसका वज़न नीचे के पानी पर समुद्री स्तर के मुक़ाबले 350 गुना ज़्यादा दबाव डालता है। क्या होगा जब आप इस जमा देने वाली झील में छलांग लगाएंगे? 

पानी में पोहूच ने के बाद आपके शरीर पर क्या असर होगा? आपको किस तरह की ख़ास चीजों की ज़रूरत होगी? और अगर वहां कोई जीवन होता है तो वो किस तरह का होगा ?

आप पढ़ रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर आप वोस्तोक झील में गिर पड़े ?

Image credit :- whatifshow.com

इससे पहले कि आप अपना नया ड्रायसूट लेकर आएं कुछ चीज़ें हैं जो आपको जान लेनी चाहिए। अंटार्कटिका की इस झील का वातावरण बृहस्पति के चांद, यूरोपा से मिलता-जुलता है। 

और पृथ्वी को छोड़े बग़ैर बाहरी अंतरिक्ष का सबसे अच्छा अनुभव इस झील के पानी में गोता लगाने से मिल सकता है। काफ़ी दिलचस्प है, है ना? साथ ही, इस झील का पानी 1 करोड़ 50 लाख साल पुराना है। 

तो आपको वहां जो कुछ भी मिलेगा याद रहे, वो असली और प्राचीन होगा तो आपको ध्यान रखना होगा कि आप किसी चीज़ को नुक़सान ना पहुंचाएं। 

तो आप तैयार हैं? चलिए चलें। आप आ चुके हैं। वैज्ञानिक, मेकैनिक, इंजीनियर खाना बनाने वाले और फील्ड का काम संभालने वाले शख्स की एक टीम के साथ दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद (where is lake Vostok Located) वोस्तोक रूसी स्टेशन पर। 

जहां तक आपकी नज़रें जा रही हैं आपको केवल बर्फ़ नज़र आ रही है (lake Vostok size)। यहां आप आसानी से ऐसा सोच सकते हैं कि आप बृहस्पति के चांद यूरोपा पर खड़े हैं। 

ख़ुशक़िस्मती से यहां का तापमान केवल -89 डिग्री सेल्सियस (lake Vostok Temperature) होगा पर यूरोपा पर तापमान कभी भी -160 डिग्री सेल्सियस (-260 डिग्री फॉरेन्हाइट) से ऊपर नहीं जाता। 

‘‘ठंडा, ठंडा, ठंडा, ठंडा, ठंडा’’ सबसे पहले,आपको बर्फ़ को तोड़ना होगा पूरी 3.7 किलोमीटर (2 मील) मोटी बर्फ़। वैज्ञानिकों से पूछना होगा कि गड्ढे तक पहुंचने के लिए खुदाई कहां करनी है। 

ये झील जिसे सबसे पहले 1960 में एक रूसी विमान चालक ने पहली बार देखा था बहुत बड़ी है (what year was lake Vostok discovered)। कनाडा की ऑन्टेरियो झील से छोटी पर दुनिया की सबग्लेशियल यानी हिमानी झीलों में सबसे बड़ी झीलों में से एक है। (How big is lake Vostok)

और वोस्तोक झील का एक किनारा दूसरे किनारे से कम गहरा है (how deep is lake Vostok)। तो आप चाहेंगे कि आप गहरे हिस्से में खोज करें जहां ज़्यादा चीज़ें मिल पाने की संभावना हो। 

तो आपको आपकी पसंद की जगह मिल चुकी है चलिए शुरू करते हैं।  तो आपको इंजीनियरों से पूछना होगा कि उनके पास इससे ज़्यादा कारगर कुछ है या नहीं। 

अब जब कि गड्ढा तैयार है और आप अपना ड्रायसूट पहन चुके हैं आगे क्या करना है? 

एक सबमरीन यानी पनडुब्बी कैसी रहेगी जो कि इस गहरे पानी वाले वातावरण का दबाव झेल सके ठीक वैसी जैसी जेम्स कैमरून ने मारियाना ट्रेंच में इस्तेमाल की थी? हां, ये शायद अच्छा रहेगा। 

आपका शरीर इस तरह के दबाव को नहीं झेल सकेगा। पर, अगर वोस्तोक झील में जीवन है तो वो इस तेज़ दबाव में कैसे ज़िंदा है? इस पर थोड़ी देर में बात करके है।

पहले जानते हैं आपको और क्या चाहिए? हां, एक लाइट। 

आप बर्फ़ के कई किलोमीटर नीचे तक जा रहे हैं यानी वहां रोशनी नहीं होगी। अब, आप वोस्तोक झील के अंदर जा रहे हैं। आपके आस-पास मौजूद बर्फ़ वैसी नहीं है जैसी बर्फ़ देखने की आपको आदत है।

ये हल्की नीली है क्योंकि गहरी बर्फ़ का क्रिस्टल जैसा आकार नीले रंग को छोड़ कर हर रंग को सोखता है। इस बर्फ़ में 3500 तरह के डी.एन.ए हैं। 

और, ठीक ऊपर के बर्फ़ के कुछ नमूनों को इकट्ठा करने के बाद वैज्ञानिकों ने इस सारे जेनेटिक यानी अनुवांशिक पदार्थों पर एक साथ शोध की है। 

इससे जीवाणुओं, गैसों और पोषक तत्वों की मौजूदगी का पता चला। ये जैविक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं। विकसित शोध की तकनीक़ों की मदद से पाया गया कि बर्फ़ में 3500 नए जीव दबे हुए हैं। (What lives In lake Vostok)

ये आपके लिए अच्छी ख़बर है। हो सकता है आपको कुछ नज़र आ जाए। जब आखिरकार आप पानी तक पहुंचेंगे तो इसका तापमान केवल 3 डिग्री सेल्सियस (27 डिग्री फॉरेन्हाइट) होगा। पर इसके ऊपर मौजूद बर्फ़ के दबाव की वजह से ये जमता नहीं है। (Why lake does not freeze)

अब आपको रोशनी की ज़रूरत होगी। आप एक अनोखे ईकोसिस्टम की खोज करने वाले हैं जो शायद सूरज की रोशनी की जगह झील में मौजूद खनिजों और नीचे के पत्थरों की परत में मौजूद स्रोतों का इस्तेमाल करते हों। 

ये काफ़ी ख़ास है। आप फफूंद और एक सेल वाले जीवों से घिरे होंगे। और जैसे-जैसे आप झील की गहराई में जाएंगे आपको गर्मी महसूस होगी। पानी गर्म होगा। पृथ्वी से जियोथर्मल गर्मी आ रही होगी। 

यहां आपको गर्म पानी में रहने वाले सख्त खोल वाले मीठे और खारे पानी में रहने वाले हर तरह के जीव मिलेंगे जिससे पता चलता है कि ये झील समुद्र से जुड़ी हुई थी। (lake vostok creature)

अब तक में, जो भी प्रजातियां आपने देखी हैं वो काफ़ी छोटी हैं। पर क्या इस अंधेरे में कुछ और भी छिपा हो सकता है? 

रूसी वैज्ञानिकों के मुताबिक़, इस पानी में ऑक्टोपस जैसी कोई चीज़ हो सकती है जिसे ऑर्गेनिसम 46बी के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने ऐलान किया है कि इस घोंघे जैसे जीव के ज़हर से 45 मीटर (150 फीट) की दूरी से ही आपको लकवा मार सकता है। 

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इसे आकार में बदलाव लाने वाला जीव भी कहा जाता है क्योंकि ये दूसरे जीवों का आकार ले सकता है। ऐसी भी अफवाह है कि इसने इंसान का रूप लेकर एक वैज्ञानिक की जान ली थी। 

घबराइए मत, हो सकता है ये केवल एक कहानी हो। कम से कम आपको उम्मीद तो यही करनी चाहिए। अगर आप इस झील में छलांग लगाते हैं तो आपको दर्द महसूस होगा। 

पानी का दबाव आपके कानों की हवादार जगह और आपके शरीर में जहां भी हवा है उन जगहों पर असर करेगा। (Lake Vostok fact)

तो इस वातावरण में मौजूद कोई भी जीव कैसे पनप पाता है? 

गहरे-समुद्र में रहने वाले जीवों के पास पाइज़ोलाइट्स नाम के छोटे कण होते हैं जो कि झिल्ली और प्रोटीन जैसे दूसरे कणों को बर्बाद होने से बचाते हैं। काफ़ी अनोखी बात है। 

ओह और क्या आप ये सब रिकॉर्ड कर रहे हैं? 

आपको ये चीज़ें अपने दोस्तों को ज़रूर दिखानी चाहिए। और अगर इस रोमांच से आपकी उत्सुकता बढ़ गई हो और आप एक कदम और आगे जाना चाहते हों।

तो क्या आपने कभी ये सोचा है कि मीथेन से भरे पूल में छलांग लगाना कैसा होगा? जानने के लिए पढ़ते रहें ‘‘क्या हो अगर’’ .

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