इससे आपके पसीने छूट सकते हैं, आप रो सकते हैं, या अस्पताल तक भी पहुंच सकते हैं। ये है कैरोलाइना रीपर, दुनिया की सबसे तेज़ मिर्च। क्या हो अगर आप ये एक पूरी मिर्च खा जाएं? क्या हो अगर आप ऐसी एक हज़ार मिर्च खा जाएं?
क्या है जो इस मिर्च को इतना तेज बनाता है ? आप का शरीर एसी कितनी मिर्च झेल सकता है ? और ऐसा कुछ खाने के बाद आप कैसे बचेंगे ?
आप पढ़ रहे हैं ‘‘क्या हो अगर’’ और ये है क्या हो अगर आप 1000 दुनिया की सबसे तीखी मिर्च खा लें ?
कुछ लोग काफी तीखी मिर्च, बड़ी आसानी से खा लेते हैं। बल्कि, कुछ ऐसे मुकाबले भी होते हैं जिनमें लोग दर्जनों की संख्या में कैरोलाइना रीपर खाते हैं। (दुनिया की सबसे तीखी मिर्च)
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण हैं। और उनका कहना है कि ये लोग उन लोगों से ज़्यादा दर्द सह सकते हैं जो हैलापीनो खा कर आंसू बहाने लगते हैं।
तो हां, कुछ लोग एक या दो कैरोलाइना रीपर तक झेल सकते हैं, लेकिन क्या हो अगर आप ऐसी 1000 मिर्च खा लें?
जैसे ही आप पहली मिर्च खाएंगे, आपको पसीना आने लगेगा। ये इसलिए कि आपका शरीर दर्द को सह पाने के लिए सक्रिय हो रहा होगा। आपको पसीना आने से आपके शरीर में मेटाबोलिज़म भी तेज़ होने लगेगा।
इससे जब आप मिर्च खा रहे होंगे, तब आपके शरीर की कुछ कैलोरियां भी जल रही होंगी। ये आप पर तुरंत असर नहीं करेगा, लेकिन कुछ वक़्त बाद, आपको अपनी जीभ पर जलन महसूस होगी, और फिर अपने पूरे मुंह में।
आपके शरीर का जो भी हिस्सा कैरोलाइना रीपर के तेल के संपर्क में आएगा, वहां जलन होने और सुन्न पड़ने का डर है। और आप चश्में पहनना तो बिल्कुल भी ना भूलें, क्योंकि अगर ये तेज़ मिर्च आपकी आंखों में चली जाए, तो आपको भयानक दर्द यहां तक कि अंधेपन तक का खतरा हो सकता है।
जैसे जैसे ये मिर्च आपके गले के नीचे उतरेगी, और ज़्यादा पेन रिसेप्टर सक्रिय होते जाएंगे। आपको लगातार पसीना आता रहेगा, और अब आंसू आना भी शुरू हो सकता है।
लेकिन ये सब आपके साथ हो ही क्यों रहा है? मिर्च को स्कोविल हीट स्केल में नापा जाता है। जैसे कि एक हैलापीनो मिर्च की रेटिंग 8,000 स्कोविल हीट की होती है।
लेकिन जिस चीज़ को हम खा रहे हैं यानी कैरोलाइना रीपर, ये 16 लाखस्कोविल हीट यूनिट जितनी तेज़ है जो कि सेना में इस्तेमाल होने वाले मिर्च स्प्रे से ज़्यादा कमजोर नहीं है।
तो हां, कह सकते हैं कि ये मिर्च काफी तीखी है। और इस स्केल में मिर्च कितनी तेज़ है, इसका फैसला होता है इनमें मौजूद कैप्सेसिन से। कैप्सेसिन की वजह से ही तेज़ खानों को खाते वक्त उनके मसालेदार होने का या जलन होने का अनुभव होता है।
तो अब जब आप इन चीज़ों के बारे में बेहतर तरीके से जान गए हैं, और आप कुछ मिर्च खा भी चुके हैं, अब कैसा लग रहा है? शायद उतना अच्छा महसूस नहीं हो रहा।
जब ये मिर्च आपके पेट तक जाती है, ये आपके पेट में मौजूद एसिड से मिल जाती है। आपके पेट में आमतौर पर जितना बनता है, उससे ज़्यादा एसिड बनने लगता है, और कैप्सेसिन से बचने के लिए ज़्यादा म्यूकस भी।
इससे आपको उल्टी आने जैसा महसूस होगा। इस वक़्त में, आपको दूध या आइसक्रीम खानी शुरू कर देनी चाहिए। दूध से बनी चीज़ों में केसीन होता है, जिससे मसालोदार खाने से आपको थोड़ी राहत मिलती है।
दूध की कोई चीज़ ना खाकर अगर आप पानी पीने का फैसला करते हैं, तो आप बहुत बड़ी गलती कर बैठेंगे। ‘‘ये कुछ नहीं करता है’’ ये इसलिए कि पानी कैप्सेसिन को आपके शरीर में फैला देगा, जिससे आपकी तकलीफ और ज़्यादा बढ़ जाएगी।
जैसे जैसे आप ये मिर्च खाते जाएंगे, पसीना और आंसू आना जारी रहेगा, और आप बीमार महसूस करेंगे। आप बाथरूम के चक्कर लगाने लगेंगे।
ये मसालेदार खाना खाने से आपको डायरिया हो जाएगा। ये इसलिए कि जब आप मसालेदार खाना पचा रहे होंगे तो आप ज़्यादा पानी सोखने लगते हैं, इस वजह से आपको बार बार, टॉयलेट के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
लेकिन अभी ख़त्म नहीं हुआ। अभी तो कई मिर्च खाने के लिए बाकी हैं। जब आप इन्हें खाना जारी रखेंगे, आपको उल्टियां होने लगेंगी, और आपका शरीर कैप्सेसिन लेने से इंकार कर देगा।
लेकिन अगर आप किसी तरह ये सारी मिर्च खाने में सफल रहते हैं, तो आपको कैप्सेसिन का ओवरडोज़ हो सकता है, जिससे आप मर भी सकते हैं। लेकिन हर कोई कैप्सेसिन के इस स्तर पर अलग अलग प्रतिक्रिया देता है।
ऐसे भी कुछ मामले हुए हैं जहां केवल एक कैरोलाइना रीपर खाने से लोगों के दिमाग की नसें सिकुड़ गईं और उन्हें तेज़ सरदर्द का सामना करना पड़ा। तो अगर आप कुछ तीखा खाना चाहते हैं, आपको अपने चिकन विंग्स पर हॉट सॉस डालने तक ही सीमित रहना चाहिए।
क्योंकि इतनी मात्रा में कैप्सेसिन शरीर में जाने से आपका अस्पताल तक पहुंचना तय है। लेकिन क्या हो अगर ये तेज़ मिर्च खाने की जगह हम फफूंदी खाने का फैसला लें? जानने के लिए, पढ़ते रहें, ‘‘क्या हो अगर’’ .